श्री हनुमान अंक : कल्याण विशेषांक

श्री हनुमान जी का अद्वितीय महात्म्य – कल्याण विशेषांक से प्रेरित


श्री हनुमान जी, जिन्हें बजरंगबली, पवनपुत्र, केसरी नंदन और अंजनी कुमार के नाम से भी जाना जाता है, सनातन धर्म में अजेय शक्ति, अटूट भक्ति और अद्भुत करुणा के प्रतीक हैं। गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित कल्याण – श्री हनुमान अंक में उनके जन्म से लेकर कलियुग में भक्तों की रक्षा तक के प्रेरणादायी प्रसंग, स्तोत्र, मंत्र और उपासना-विधियाँ संकलित हैं। यह ब्लॉग उन्हीं दिव्य कथाओं और साधना-रहस्यों पर आधारित है, ताकि श्रद्धालु अपने जीवन में हनुमत कृपा का अनुभव कर सकें।


श्री हनुमान जी का जन्म और बाल्यकाल

हनुमान जी का जन्म अंजनी माता और केसरी के घर हुआ, और वे वायु देव के आंशिक अवतार माने जाते हैं। बचपन में ही उनकी अपार शक्ति, साहस और जिज्ञासा प्रकट हो गई थी। सूर्यदेव से उन्होंने वेद और शास्त्रों की शिक्षा ली। ऋषियों के शाप और वरदानों ने उन्हें अमरत्व और अद्वितीय बल प्रदान किया।

 

1. भूमिका और प्रस्तावना

·        प्राचीन ऋषि-मुनियों की तरह लोककल्याण के उद्देश्य से यह विशेषांक प्रकाशित किया गया है।

·        इसमें हनुमान जी के जन्म से लेकर वर्तमान कलियुग तक के उनके कार्यों का क्रमबद्ध वर्णन है।

·        हनुमान जी की उपासना के चमत्कार और तत्काल फलदायी प्रभाव पर विशेष चर्चा।

·        भारत के विभिन्न प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों और अर्चा-स्वरूपों का उल्लेख।


2. श्री हनुमान जी का चरित्र और कथा

·        जन्म और बाल्यकालअंजनी माता और केसरी नंदन, वायु देव के आंशिक अवतार।

·        बाल लीलाएँसूर्य को फल समझकर निगलना, ऋषियों से शाप और वरदान।

·        शिक्षासूर्य देव से वेद-शास्त्रों की विद्या ग्रहण।

·        रामायण प्रसंग

·        सुग्रीव से मित्रता कराना।

·        समुद्र लांघकर लंका पहुँचना।

·        अशोक वाटिका में सीता जी से मिलना।

·        रावण सभा में शौर्य प्रदर्शन।

·        लंका दहन।

·        युद्ध में संजीवनी बूटी लाना।

·        अहिरावण वध।

·        महाभारत और कलियुग के प्रसंगभीम और अर्जुन से भेंट, गोस्वामी तुलसीदास को राम दर्शन कराना।


3. हनुमान उपासना, साधना और रहस्य

·        त्रिकाल स्मरण श्लोकप्रातः, मध्याह्न, सायं ध्यान विधि।

·        षडंग और दशांग उपासना विधियाँहनुमान जी को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए।

·        दीपदान विधिविशेष दिनों और समय पर हनुमान जी को दीप अर्पण का महत्व।

·        हनुमान मंत्र साधनाएँ

·        विभीषणकृत हनुमत्स्तोत्र।

·        श्रीमदाद्य शंकराचार्यकृत पंचरत्न स्तोत्र।

·        हनुमान चालीसा, आरती, हनुमान गायत्री मंत्र।

·        तांत्रिक और वैदिक मंत्र (मन्त्र महोद्धति, मन्त्र महार्णव आदि से)

·        हनुमत कवच, अष्टादशाक्षर मंत्र, द्वादशाक्षर मंत्र की विधि।

·        हनुमान सहस्रनाम स्तोत्र।

  • अनुष्ठान और प्रयोग

·        प्रेत-बाधा निवारण।

·        स्वप्न दर्शन के लिए साधना।

·        शनि पीड़ा निवारण।

·        मनोकामना पूर्ति के लिए विशेष जप।


4. स्तोत्र, कविताएँ और भजन

·        विभीषणकृत हनुमत्स्तोत्र (विस्तार से भावार्थ सहित)

·        विभिन्न संतों, कवियों और आचार्यों द्वारा रचित हनुमान स्तुतियाँ।

·        तुलसीदास, सूरदास, सेनापति, केशवदास आदि की रचनाएँ।

·        भक्त कविताएँ जैसे "रघुपति प्रिय भक्तं नमामि", "ऐसो को उदार जग माहीं" आदि।


5. आध्यात्मिक और दार्शनिक विवेचन

·        वैदिक दृष्टि से हनुमान जी।

·        पुराणों और उपनिषदों में हनुमान स्वरूप।

·        भक्तियोग में हनुमान जी का महत्व।

·        विभिन्न संप्रदायों में हनुमान जी की आराधना (रामानंद, माध्व, गोड़ीय वैष्णव, समर्थ, रामस्नेही आदि)

·        नाथ-सिद्ध परंपरा और तांत्रिक दृष्टिकोण।

·        हनुमान जी का नैष्ठिक ब्रह्मचर्य, सेवा भाव और त्याग।


6. भारत और विदेशों में हनुमान मंदिर और तीर्थ

·        उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत, बंगाल, असम, बिहार आदि राज्यों के प्रमुख हनुमान मंदिरों का विवरण।

·        अयोध्या का हनुमानगढ़ी, काशी का संकटमोचन मंदिर, राजस्थान का सालासर बालाजी, और समर्थ रामदास द्वारा स्थापित मंदिर।

·        विदेशों में हनुमान जी के मंदिरों और मूर्तियों की जानकारी।


7. लोक साहित्य और संस्कृति में हनुमान जी

·        राजस्थानी, मालवी, बुंदेली, नागपुरी और आदिवासी लोकगीतों में हनुमान भक्ति।

·        लोक-कथाएँ और जनश्रुतियाँ।

·        आधुनिक काव्य और साहित्य में हनुमान जी का स्वरूप।


8. चित्र और चित्रांकन

·        हनुमान जी के भव्य और दुर्लभ चित्र।

·        विभिन्न रूपवीर हनुमान, भक्त हनुमान, पंचमुखी हनुमान, रुद्रावतार आदि।


निष्कर्ष

यह कल्याणश्री हनुमान अंक केवल एक धार्मिक पुस्तक नहीं, बल्कि हनुमान जी से जुड़े हर पहलू का संपूर्ण विश्वकोश है। इसमें कथा, भक्ति, साधना, तंत्र-मंत्र, दर्शन, मंदिर, लोक-साहित्यसब कुछ एक साथ संकलित है।

 

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